पीपुल्स यूनिवर्सिटी, भोपाल एवं  हार्टफुलनेस सेंटर के सहयोग से ध्यान दिवस का आयोजन

दिनांक: 20 दिसम्बर 2025भारतीय ज्ञान परंपरा में ध्यान एवं योग का वैचारिक आधार

भारतीय ज्ञान परंपरा में ध्यान एवं योग को मानव जीवन के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक विकास का मूल आधार माना गया है। वेदों, उपनिषदों एवं योग दर्शन में ध्यान को मन की शुद्धि, आत्मबोध एवं चित्त की स्थिरता का प्रमुख साधन बताया गया है।ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद में मंत्र-साधना, आत्मचिंतन एवं एकाग्र चेतना का उल्लेख मिलता है, जबकि उपनिषदों में ध्यान को आत्मा और ब्रह्म के ऐक्य का माध्यम माना गया है। महर्षि पतंजलि के योगसूत्र में ध्यान को अष्टांग योग का सातवाँ अंग बताया गया है, जो धारणा और समाधि के मध्य सेतु का कार्य करता है।इसी भारतीय ज्ञान परंपरा की भावना को आधुनिक संदर्भ में आत्मसात करते हुए यह ध्यान सत्र आयोजित किया गया, ताकि विश्वविद्यालय समुदाय मानसिक संतुलन, नैतिक चेतना एवं आंतरिक शांति की दिशा में प्रेरित हो सके।

        इसी भारतीय ज्ञान परंपरा की भावना को आधुनिक संदर्भ में आत्मसात करते हुए यह ध्यान सत्र पीपल्स यूनिवर्सिटी, भोपाल द्वारा विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर दिनांक 20 दिसम्बर 2025 को हार्टफुलनेस सेंटर के सहयोग से एक ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य, आंतरिक शांति, भावनात्मक संतुलन तथा समग्र व्यक्तित्व विकास को प्रोत्साहित करना था। यह सत्र शैक्षणिक एवं व्यावसायिक जीवन में बढ़ते मानसिक तनाव के संदर्भ में ध्यान एवं सजगता के महत्व को रेखांकित करने हेतु आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन एवं गतिविधियाँ – इस ध्यान सत्र में हार्टफुलनेस सेंटर की ओर से सुश्री मधुलिका पाथेनिया, श्री मनोज पाठक, सुश्री सुनीता राजपूत एवं श्री वीरेंद्र राजपूत ने समन्वयक की भूमिका निभाई। सत्र की शुरुआत विद्यार्थियों को सहभागी बनाने हेतु रोचक एवं संवादात्मक गतिविधियों से की गई, जिससे प्रतिभागियों की प्रारंभिक झिझक दूर हुई तथा वे मानसिक एवं भावनात्मक रूप से ध्यान अभ्यास के लिए तैयार हो सके। इन गतिविधियों से कार्यक्रम का वातावरण सकारात्मक, शांत एवं सहभागितापूर्ण बना।

हार्टफुलनेस दर्शन एवं निर्देशित ध्यान सत्र-

इसके उपरांत समन्वयकों द्वारा हार्टफुलनेस ध्यान पद्धति का परिचय दिया गया तथा ध्यान के महत्व पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि ध्यान किस प्रकार एकाग्रता बढ़ाने, मानसिक तनाव को कम करने, भावनात्मक स्थिरता विकसित करने एवं आंतरिक शांति प्राप्त करने में सहायक है।
सैद्धांतिक परिचय के पश्चात एक निर्देशित हार्टफुलनेस ध्यान सत्र आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को शारीरिक शिथिलता, अंतर्मुखी एकाग्रता एवं मानसिक स्पष्टता की अनुभूति कराई गई। साधकों को ध्यान की सरल एवं सहज विधि अपनाने तथा इसे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने हेतु प्रेरित किया गया।

सहभागिता विवरण- उक्त ध्यान सत्र में विश्वविद्यालय समुदाय की उल्लेखनीय सहभागिता रही। कार्यक्रम में  प्राध्यापकों तथा लगभग 450 छात्रछात्राओं, एवं इसके अतिरिक्त संस्था प्रमुखों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

संवाद, अनुभव एवं प्रतिक्रिया- सत्र के अंत में एक संवादात्मक चर्चा आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए एवं ध्यान से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। अधिकांश प्रतिभागियों ने सत्र के पश्चात स्वयं को अधिक शांत, संतुलित, ऊर्जावान एवं एकाग्र अनुभव करने की बात कही। विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों से प्राप्त प्रतिक्रिया अत्यंत सकारात्मक रही तथा भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों के नियमित आयोजन की इच्छा भी व्यक्त की गई।

निष्कर्ष- अंततः यह कहा जा सकता है कि पीपुल्स यूनिवर्सिटी, भोपाल द्वारा हार्टफुलनेस सेंटर के सहयोग से आयोजित यह ध्यान सत्र न केवल विश्व ध्यान दिवस की भावना के अनुरूप था, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा में निहित ध्यान–योग की मूल अवधारणाओं को आधुनिक शैक्षणिक परिवेश में प्रभावी रूप से स्थापित करने की दिशा में एक सार्थक, सफल एवं प्रेरणादायी पहल सिद्ध हुआ। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की स्वस्थ, संतुलित एवं मूल्यआधारित शिक्षा प्रणाली के प्रति प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।